खूनी जमीन का खेल

 

राहुल जेल की सलाखों के पीछे 4 साल से कैदी बनकर रह रहा था। लेकिन उसका कसूर क्या था आज उसकी सुनवाई होनी थी इसलिए राहुल कोर्ट रूम में चार हवलदारों और एक पुलिसवाले के साथ जा रहा था  इसी बीच राहुल कुछ सोच रहा था और अपने आप को कोस रहा था कि काश मैंने ऐसा ना किया होता।

                


पर राहुल ऐसा क्या सोच रहा था और वह अपने आप को क्यों कोस रहा था इसी के बारे में आज हम जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं इस कहानी को।

राहुल जज के सामने खड़ा है राहुल की तरफ राहुल का वचाव करते हुये वकील जज साहब से कहता है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ था राहुल वहां नहीं था परंतु इसके विपरीत दूसरा वकील बार-बार जज के सामने यही चिल्ला रहा था कि इन सब कारनामों और गलत कामों के बीच राहुल का पूरा-पूरा हांथ है।

तभी जज साहब दोनों वकील से इस मामले के बारे में जानने के लिए चिल्ला पड़ते हैं कि आखिरकार मामला क्या है पूरी कहानी राहुल के मुंह से सुनी जाए तभी कुछ फैसला आगे बढ़ सकता है।

तब राहुल अपनी पूरी कहानी जज साहब के सामने रखता है राहुल बताता है कि आज से 4 साल पहले मैं और मेरे तीन दोस्त पिकनिक मनाने के लिए शिमला गए हुए थे वहां की हरी भरी वादियां मेरे को और मेरे दोस्तों को बहुत लुभा रही थी हम चारों लोग बड़े ही खुश थे और पूरी तरह से एंजॉय कर रहे थे। मेरे तीनों दोस्तों में से एक का नाम दीपक और दूसरे का नाम सोनू और तीसरे का नाम गजेंद्र था।
हम चारों लोग शिमला के एक खूबसूरत होटल में रुके हुए थे हमने अपना सारा सामान उस होटल में रख रखा था और तीन दिन की पिकनिक मनाने के उद्देश्य से वहां पर रुके थे अभी हमारा पहला ही दिन था उस होटल में हमारा सामान रखा हुआ था और हम पहले ही दिन शिमला की हसीन वादियों को देखने के लिए निकल पड़े थे। वहां की झीलें और वहां के हरे-भरे पेड़ पौधे और पहाड़ हमें बहुत लुभा रहे थे छोटे-छोटे घर और वहां के लोग हमें बहुत अच्छे लग रहे थे हम लोग घूमते घूमते एक ऐसे घर के पास पहुंचे जहां पर हम अपने आप को रोक नहीं पाए और उस घर में थोड़ी देर के लिए रुक गए इसी बीच वहां पर बर्फबारी भी होने लगी अब तो जाने के लिए हमारा इरादा पूरा बिगड़ गया। बर्फबारी काफी देर तक होती रही तभी मेरी नजर उस घर में काम करने वाली एक लड़की पर पड़ी जो बेहद ही खूबसूरत थी। मैं उस लड़की को एक टक घूर घूर के देखा ही रहा।

तभी दीपक मेरी तरफ देखकर बोलता है कि अवे राहुल! तू उधर क्या देख रहा है? इधर देख कितनी सुंदर बर्फबारी हो रही है ऐसी बर्फबारी हमारे यहां नहीं होती है मैं तो पहली बार बर्फ गिरते हुए देख रहा हूं।

लेकिन दीपक ने मेरी तरफ देखकर फिर से जवाब दिया राहुल तुझे हो क्या गया है तू उधर देख क्या रहा है आखिर में भी तो देखूं तभी दीपक भी उस लड़की की तरफ देखने लगा।

इधर सोनू और गजेंद्र भी हम दोनों को इस तरह से देखते हुए चौंक गए थे। खैर इतने में ही 2 घंटे के अंदर बर्फ गिरना बंद हो गई थी अब हम चारों लोग अपने होटल की तरफ बढ़ने लगे थे।

तो दोस्तों राहुल अपने आप को क्यों कोस रहा थाहम लोग अपने होटल आ गए पर मेरा मन अभी भी उस खूबसूरत लड़की की तरफ आकर्षित हो रहा था मैं मन ही मन में सोच रहा था कि काश मैं उसके पास जाकर अपने प्यार का इजहार कर सकूं।

पर मेरे तीनों दोस्तों के दिमाग में क्या चल रहा था इसके बारे में मुझे कोई खबर नहीं थी दूसरी रात को हम सब अपने होटल में खाना खाकर सोने चले गए तकरीबन रात का 1:00 बजा होगा मैं भी गहरी नींद में सो रहा था और इधर मेरे तीनों दोस्त भी गहरी नींद में सो रहे थे इस तरह से हम चारों ने वहां पर पिकनिक का पूरा मजा किया और फिर लौटकर अपने गांव आ गए।

लेकिन असली कहानी तो अब शुरू होती है, मेरा मन शिमला से वापस आने का नहीं था मैं बार-बार और हर बार इस लड़की के बारे में सोच रहा था। लेकिन अपने गांव आने के बाद पता नहीं कैसे मेरे तीनों दोस्तों के साथ अजीब अजीब घटनाएं होने लगी सबसे पहले दीपक को वह लड़की रोज रात को दिखाई देती थी एक दिन दीपक कहीं जा रहा था तभी अचानक ऐसा लगा की पीछे से गजेंद्र ने उसे आवाज दी है वह जैसे ही पीछे पलट कर देखता है उसे पीछे कोई भी नजर नहीं आता है।

दीपक ने मुझे बताया कि वह लड़की रोज मेरे सपने में आती है जिसे मैं देखता हूं कि उस लड़की को 6 हिस्सों में काटा गया है जिसमें उसके दो हांथ अलग है गर्दन अलग है दोनों पैर अलग हैं। परंतु दीपक के बताने का तरीका ऐसा लग रहा था जैसे वह कुछ छुपा रहा है दीपक बहुत डरा डरा सा रहने लगा था लेकिन वह क्या छुपा रहा था यह मुझे नहीं पता चला दूसरे ही दिन मुझे पता चला कि दीपक की पंखे से लटक कर मौत हो गई है। मैं इस बात से अनजान था कि आखिरकार दीपक को वह लड़की इस तरह से क्यों दिखाई पड़ रही है?

दीपक को मरे हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ था कि मेरे दूसरे दोस्त गजेन्द्र के ऊपर भी ऐसी ही घटनाएं घटित होने लगी।

गजेंद्र ने देखा कि उसके घर के सामने एक चिता चल रही है और उसे चिता में से लपटें बहुत ऊंची ऊंची उठ रही है गजेंद्र यह देखकर चौंक जाता है वह तुरंत उस चिता की तरफ भागता है लेकिन बहुत देर हो चुकी होती है।

वह तुरंत मुझे फोन करता है मैं उसके घर जाता हूं तो देखता हूं कि वहां पर तो कुछ भी नहीं है तभी गजेंद्र को वही लड़की नजर आती है उसका सर कटा हुआ है तभी मुझे कुछ होने लगता है ऐसा लगता है जैसे कोई आत्मा मेरे अंदर घुस गई है मैं पास में पड़ी हुई कुल्हाड़ी उठाता हूं और गजेंद्र के 6 टुकड़े कर देता हूं।

पर मेरी समझ में यह नहीं आ रहा था कि आखिरकार हम लोगों के साथ ऐसा क्यों हो रहा है मुझे इस तरह से करता हुआ देखकर वहां पर भीड़ इकट्ठा हो जाती है मैं तुरंत वहां से भाग जाता हूं मेरे हाथ अब खूनी हाथों से रंग गए थे मुझे खुद समझ नहीं आ रहा था कि मेरे अंदर अचानक से इतना बदलाव कैसे आ गया ऐसा लगा जैसे मानो कोई आत्मा मेरे अंदर घुस गई हो और वह मुझे यह सब करवा रही हो। तभी वहां पर पुलिस आ जाती है और वह छानबीन करने लगती है लेकिन मैं उनकी पहुंच से बहुत दूर जा चुका था।

इधर मेरे दोनों दोस्तों की मौत हो चुकी थी इसलिए मैं घबराता हुआ सोनू के पास जाता हूं और सोनू को सारी बात बताता हूं, सोनू पहले तो हडबडाहट में अपने कपड़े पैक करके कहीं जाने की योजना बना रहा था जैसे ही मैं उसके पास पहुंचा तो उसके पैर थर-थर कांपने लगे।

तो मैंने उससे पूछा कि सोनू तुझे ऐसा क्या हुआ है तू इतना डर क्यों रहा तब सोनू बताता है कि आज रात मैंने उस लड़की को सपने में देखा था और वह मेरे को बोल रही थी कि जिस तरह से मैंने दोनों दोस्तों को मारा है इस तरह से तुम भी नहीं बचोगे।

आखिर माजरा क्या था मैंने सोनू से पूछने की पूरी ताकत लगा दी। तब ऐसे में सोनू डरता हुआ मुझे सारी कहानी बताता है जिस रात हम लोग अपने होटल में आए थे तकरीबन रात का एक बजा था, तुम गहरी नींद में सो रहे थे तब हम तीनों यानी गजेंद्र, मैं और दीपक उस लड़की के घर जाते हैं और उस लड़की के साथ जोर जबरदस्ती करते हैं। क्योंकि वो लडकी बहुत खूबसूरत थी उसकी खूबसूरती को देखकर हमसे रहा नहीं गया इसलिए हम तीनों ने तुमको बिना बताए उस लड़की के पास जाने का विचार बना लिया और हमने बारी-बारी से लड़की के साथ बहुत गलत किया जिसकी वजह से उस लड़की की वहीं पर मौत हो गई और यह देखकर हम लोग बहुत डर गए और घबरा गए कि कहीं कोई हमको देख ना ले इस डर की वजह से सोचने लगे कि अब इस लड़की का क्या करें तो ऐसे में हमने उस लड़की के 6 टुकड़े करके उसके घर से थोड़ा दूर एक खाली जमीन में ले जाकर दफन कर दिया और जल्दी से वहां से निकल कर होटल में तुम्हारे साथ सोने का नाटक करने लगे।


तो राहुल के सामने सोनू ने पूरा सच उगल दिया अब राहुल लड़की की मौत की सच्चाई को जान चुका था जिसकी वजह से वह अंदर से टूट गया था। अतः उसने कहा  कि तुम तीनों ने मिलकर उस लड़की के साथ बहुत गलत किया जिसका अंजाम आज तुम लोग भुगत रहे हो और सबसे बड़ी गलती तुमने मेरे साथ करी यदि उस रात अगर तुम तीनों मुझे बता देते तो शायद मैं तुम तीनों को वहां जाने से रोकता लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया और मेरे पीठ पीछे तुमने इतनी बडी गलती को अंजाम दे दिया।

राहुल फूट-फूट कर रोने लगा और कहने लगा कि जरा सा भी उस लड़की के बारे में तुमने नहीं सोचा! तभी सोनू राहुल से कहता है कि मुझे बचा लो नहीं तो वह लड़की मुझे मार डालेगी।

ऐसे में राहुल बोलता है कि बिल्कुल ऐसा ही होना चाहिए और जिस तरह से गजेंद्र और दीपक की मौत हुई है इसी तरह से तुम्हारी भी मौत होनी चाहिए तुम जिंदा रहने के लायक नहीं हो। तुम लोगों की वजह से मेरे हांथ खून से रंग गए हैं दीपक की मौत मेरे हाथों हो गई है।

तभी सोनू राहुल को मारने के लिए आगे बढ़ता है की तभी अचानक लड़की की आत्मा सोनू को उसी आरी से काट देती है जिस आरी से उस लड़की को मारा गया था।

तो इस तरह से जज साहब ने राहुल के मुख से इस कहानी को सुना और यह निर्णय लिया कि इसमें राहुल की कोई गलती नहीं है राहुल बेकसूर है क्योंकि उसने अपने दोस्त को जानबूझकर नहीं मारा है। अतः इस तरह से राहुल निर्दोष साबित होता है और वैसे भी राहुल अपने हिस्से के 4 साल की सजा पहले ही काट चुका था जिसकी वजह से राहुल को जेल से रिहा कर दिया जाता है।

उसके बाद लड़की की आत्मा को शांति दिलाने के लिए राहुल उसी जगह पर जाता है और उसकी अस्थियों को जमीन से निकालकर चिता पर दहन कर देता है।

समाप्त.....




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