संदेश

जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शैतान की हैवानियत

चित्र
 सूरज का दोस्त रोहित मर चुका था और सूरज अपने घर पर लेटा हुआ था लेकिन उसे क्या पता था कि मारने वाला आदमखोर शैतान उसके घर तक आ जाएगा। रात के 3:30 बज रहे थे अचानक दरवाजे के लोक के कट कट की आवाज सुनकर सूरज की नींद टूट जाती है। उसने देखा कि कोई बहुत जोर से दरवाजे को धक्का दे रहा है। ऐसा लग रहा था कि कोई दरवाजा तोड़ने की कोशिश कर रहा है। सूरज डर के मारे उठ जाता है और बोलता है 'क.... कौन है?' तभी वह खिड़की से झांक कर देखता है और जो उसने देखा उसे देखकर वह डर जाता है। क्योंकि उसके दरवाजे पर कोई और नहीं वही शैतान होता है जिसने रोहित को खाया होता है। उसने देखा कि वह आदमखोर शैतान दरवाजा तोड़ने की कोशिश कर रहा है। सूरज ने जल्दी से खिड़की बंद की और सोचने लगा कि 'वह आगे क्या करें?' सूरज जल्दी से पुलिस को फोन करता है। हेलो सर मैं सूरज बोल रहा हूं रोहित को मारने वाला आदमखोर मेरे दरवाजे के बाहर खड़ा है और वह मुझे भी मारना चाहता है। सर प्लीज जल्दी से आ जाइए नहीं तो वह मुझे भी मार डालेगा। वह शैतान दरवाजे के बाहर दरवाजा तोड़ने की कोशिश कर रहा था। सूरज बहुत डरा हुआ था वह सोच रहा था कि पुलिस

एक शैतान जो बन जाता है दानव

चित्र
 वह शैतान जेल में कैद था तभी वह ऑफिसर से कहता है कि है ऑफिसर मेरी तबीयत खराब हो गई है मुझे डॉक्टर के पास ले चल। तभी वहां ऑफिसर होता है और बहुत से पूछता है कि क्या हुआ? शैतान कहता है कि मुझे डॉक्टर के पास ले चलो मेरे से सांस नहीं ली जा रही है। मैं मर जाऊंगा। इतना कहकर वह शैतान बेहोश होने का नाटक करता है तब तक ऑफिसर दरवाजा खोल कर देखता है कि शैतान को क्या हो गया। वह जैसे ही उसे पूछता है कि ऐ उठ क्या हुआ तभी शैतान उसको पकड़ लेता है और ऑफिसर को मार डालता है।  ऑफिसर को मारने के बाद जेल से भाग जाता है। और जंगल के अंदर चला जाता है। पुलिस की टीम चारों तरफ फैल जाती है और उस शैतान को ढूंढती है लेकिन पुलिस वाले शैतान को ढूंढ नहीं पाते हैं। भागते भागते शैतान जंगल के बहुत अंदर तक चला जाता है। वह भागते भागते बहुत थक जाता है इसलिए वह एक पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लग जाता है। मैं बहुत भूखा था उसको भूख लग रही थी तभी उसकी नजर उसके सामने एक खरगोश पर पड़ती है। तभी शैतान उस खरगोश को धीरे धीरे चलते हुए पकड़ने की कोशिश करता है लेकिन खरगोश किसी के आने की आहट सुनकर वहां से भाग जाता है। लेकिन वह शैतान इतना भू

प्यासी आत्मा का इंतकाम

चित्र
 'सुरेश' अपनी बीवी 'नंदनी' से बहुत प्यार करता है। उसका प्यार चरम सीमा पर था। यह दोनों लोग अपनी लाइफ में बहुत खुश थे। एक बार सुरेश अपने घर में पार्टी देता है जिसमे वह अपने पुराने दोस्तों को बुलाता है पार्टी बड़े मजे से चलती है। लेकिन देखते देखते अचानक सुरेश का दोस्त जिसका नाम राहुल है, स्विमिंग पूल में जाकर गिर पड़ता है। उसे कुछ समझ में नहीं आता कि आखिर क्या हुआ जब राहुल स्विमिंग पूल से बाहर आता है तो वह बताता है कि मुझे किसी ने पीछे से धक्का दिया है पर वह धक्का किसने दिया यह किसी को नहीं पता। कुछ देर बाद पार्टी से सभी दोस्त रिश्तेदार चले जाते हैं घर पर सिर्फ सुरेश और नंदिनी ही रह जाते हैं। अचानक से  सुरेश को उसकी कंपनी की तरफ से कुछ दिनों के लिए बाहर भेजा जाता है। इस बीच नंदिनी उस पूरे घर में अकेली रह जाती है। इसके बाद नंदनी के साथ जो कुछ भी होता है वह बहुत ही डरावना होता है। सुरेश के जाने के बाद एक रात नंदिनी अपने कमरे में सो रही होती है तकरीबन रात के 12:00 बजे उसको लगता है कि कोई उसके सिरहाने खड़ा है। लेकिन कौन खड़ा है यह उसे पता नहीं चल पाता। उठ कर के देखती है तो वहा

श्रापित गुड़िया का आतंक

चित्र
  श्रापित गुड़िया का आतंक हेलो दोस्तों श्रापित गुड़िया नाम की एक कहानी लिखने जा रहा हूं। कहानी शुरू होती है एक परिवार से, जिसमें एक छोटी सी, प्यारी सी, नन्ही सी 10 साल की बच्ची होती है और उसके मां-बाप होते हैं। वे लोग एक छोटे से घर में रह रहे होते हैं। और उनके साथ उनके सामने वाले मकान में भी पड़ोसी रह रहे होते हैं। जो बहुत बुजुर्ग हैं और वह अकेले रहते हैं। उस घर के पास में एक छोटा सा कुआं बना हुआ है और वह कुआं बहुत दिनों से बंद पड़ा है उस कुएं के पास कोई जाता नहीं है क्योंकि उस कुएं में पानी नहीं है और कूड़ा और मिट्टी के ढेरों से ढका रहता है। और दूसरी बात यह भी है कि उस कुएं में जाने से बहुत से लोग डरते रहते हैं। गर्मियों के मौसम शुरू हो जाते हैं। उस परिवार में छोटी सी बच्ची का नाम मीरा है और उसके पापा का नाम दिनेश है और माता का नाम संगीता है। वे सभी लोग कुछ दिन तक तो उस घर में एकदम शांति से रह रहे होते हैं लेकिन एक हफ्ते बाद उस घर में अचानक से कुछ अजीब सी घटनाएं होने लग जाती हैं। लेकिन वह परिवार इन सब घटनाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। वह लोग सोचते हैं कि शायद हमारे मन का कोई भ्रम