प्यासी आत्मा का इंतकाम

 'सुरेश' अपनी बीवी 'नंदनी' से बहुत प्यार करता है। उसका प्यार चरम सीमा पर था। यह दोनों लोग अपनी लाइफ में बहुत खुश थे। एक बार सुरेश अपने घर में पार्टी देता है जिसमे वह अपने पुराने दोस्तों को बुलाता है पार्टी बड़े मजे से चलती है। लेकिन देखते देखते अचानक सुरेश का दोस्त जिसका नाम राहुल है, स्विमिंग पूल में जाकर गिर पड़ता है। उसे कुछ समझ में नहीं आता कि आखिर क्या हुआ जब राहुल स्विमिंग पूल से बाहर आता है तो वह बताता है कि मुझे किसी ने पीछे से धक्का दिया है पर वह धक्का किसने दिया यह किसी को नहीं पता।



कुछ देर बाद पार्टी से सभी दोस्त रिश्तेदार चले जाते हैं घर पर सिर्फ सुरेश और नंदिनी ही रह जाते हैं। अचानक से  सुरेश को उसकी कंपनी की तरफ से कुछ दिनों के लिए बाहर भेजा जाता है। इस बीच नंदिनी उस पूरे घर में अकेली रह जाती है। इसके बाद नंदनी के साथ जो कुछ भी होता है वह बहुत ही डरावना होता है।


सुरेश के जाने के बाद एक रात नंदिनी अपने कमरे में सो रही होती है तकरीबन रात के 12:00 बजे उसको लगता है कि कोई उसके सिरहाने खड़ा है। लेकिन कौन खड़ा है यह उसे पता नहीं चल पाता। उठ कर के देखती है तो वहां कोई दिखता नहीं है। अचानक से उसे लगता है कि उसके बगल में कोई लेटा है। पर जैसे ही पलटती है वहां पर कोई होता ही नहीं है। अब उसे लगता है शायद मेरा भ्रम है जो मुझे बार-बार डरा रहा है।


खैर किसी तरह से नंदनी अपनी पहली रात अकेले काट लेती है। नंदनी उस मकान में बहुत ज्यादा अकेलापन फील करती है तो वह अपने दोस्त के यहां पर चली जाती है जब मैं दोस्त के घर में बैठी होती है तभी उसके कान में कोई आवाज लगाता है नंदिनी....... नंदिनी....... तुम यहां से चली जाओ....।.।

नंदनी के कानों में यह आवाज ऐसे टकराती है जैसे मानो किसी ने हवा का झोंका उसके कानो में मारा हो। पर उसे इतना मालूम चल जाता है कि यह बात किसी लड़की की है।


तुरंत अपनी दोस्त के यहां से भागती हुई अपने घर आ जाती है। वह जैसे ही घर पर आती है, उसके कमरे में टंगा हुआ झूमर एकदम से उसके पीछे गिरता है। बहुत डर जाती है और अपने पति सुरेश को तुरंत फोन करती है। पर किसी कारणवश उसका फोन डिस्कनेक्ट हो जाता है। सुरेश से बात ना होने की वजह से वह बाहर पीसीओ पर जाती है लेकिन वहां भी वह पहुंच नहीं पाती है। क्योंकि रास्ते में उसे एक सफेद साड़ी में कोई लड़की दिखाई देती है। जो उसे  कब्रिस्तान की तरफ ले जाती है। नंदिनी उस लड़की के पीछे पीछे कब्रिस्तान तक पहुंच जाती है। पहुंचने के बाद सफेद साड़ी वाली लड़की एकदम से एक कब्र के ऊपर खड़ी हो जाती है और वहां पर गायब हो जाती है। लेकिन नंदनी को यह सब कुछ समझ में नहीं आता है कि आखिरकार वह लड़की कौन थी, जो एक कब्र के ऊपर खड़ी हो करके गायब हो जाती है।


फिर उसी रात सोते वक्त उसे सपने में वही कब्रिस्तान दिखाई देता है और उस कब्रिस्तान में वह सफेद रंग साड़ी पहने लड़की दिखाई देती है। जो वहीं पर बैठ कर रो रही होती है। नंदनी एकदम उठ जाती है और अपने चारों तरफ देखती है तो वहां पर उसे कोई दिखता नहीं है। नंदनी अपना दोपहर का खाना बनाती है अचानक से उसे ऐसा आभास होता है कि उसके पीछे से कोई भागता हुआ गया है। वह कुछ भी समझ नहीं पाती है कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है।


नंदिनी अपने दोस्त के यहां जाती है और उससे सहायता लेती है। उसको सारी कहानी सुनाती है उसकी सहेली बताती है कि पास में ही एक प्रोफेसर रहते है। जिनका नाम सिद्धार्थ मल्होत्रा है। जो भूत-प्रेतों पर रिसर्च करते हैं तुम्हें उनके पास जाना चाहिए। इतना ही सुनने के बाद नंदनी प्रोफेसर के पास जाती है उनको सारी कहानी एक सांस में बता देती है प्रोफ़ेसर अपने अनुभव के अनुसार चिंतन करते हैं और उसे बताते हैं कि तुम्हें जो लड़की दिखाई देती है वह एक आत्मा है। जो बहुत ज्यादा जख्मी हो चुकी है वह लड़की अपना बदला पूरा करने आई है और उसकी आत्मा बहुत गुस्से में है। और उस लड़की का नाम कामिनी है। इसका अतीत जानने के लिए तुम्हें अपने पति से पूछना होगा।


कुछ दिनों के बाद उसका पति सुरेश अपने घर लौट आता है नंदनी उससे कामिनी के बारे में पूछने की कोशिश करती है और उसे, अपने साथ हुई सारी वारदातों के बारे में बताती है। लेकिन सुरेश उससे झूठ बोल देता है कि मैं किसी कामनी को नहीं जानता हूं, और तुम उस प्रोफेसर के पास मत जाया करो। क्योंकि वह प्रोफेसर बनावटी कहानी बता कर लोगों को पागल बनाता है, और उनसे पैसे लूटने का काम करता है। वह एक सिरफिरा प्रोफ़ेसर है तुम्हें उसके पास नहीं जाना चाहिए।


इतना कहकर सुरेश अपने दोस्त के घर चला जाता है। नंदनी बहुत थक जाती है। तो वो अपने कमरे में आराम करने जाती है। लेकिन तभी वह देखती है कि मेरे बेड पर वही लड़की सफेद साड़ी पहनी बैठी है। अबकी बार नंदिनी उससे फेस टू फेस पूछ ही लेती है कि आखिरकार तुम्हारा मेरे पति से क्या रिश्ता है।


कामिनी बताती है कि सुरेश तो अभी तुम्हारा हुआ है। तुमसे पहले तो सुरेश मुझसे प्यार करता था। एक दिन की बात है वह इसी घर में मुझे लेकर के आया हम दोनों के साथ सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन अचानक सब कुछ तबाह हो गया। जिसको तुम अपना पति समझती हो वह बहुत चालू  आदमी है। 1 दिन में किचन में खाना बना रही थी तभी सुरेश का दोस्त राहुल मेरे किचन में आ जाता है और मेरे साथ जोर जबरदस्ती करने लगता है और उसके मुंह से शराब की बदबू भी आ रही थी जब मैंने सुरेश को बुलाया तो सुरेश भी यह सब देख कर खुश होना था दोनों ने मिलकर मुझे बहुत मारा सुरेश ने मुझे धक्का दे दिया जिससे मैं बेहोश हो गई। मेरी हालत बहुत बुरी हो गई थी इन दोनों ने मिलकर मुझे उठाया और एक ताबूत में बंद करके उसी कब्रिस्तान में कब्र के नीचे दफन कर दिया। मैं जिंदा कब्र के नीचे 2 दिन तक तड़पती रही। मैंने बहुत आवाजें लगाई कोई खोलो..... कोई खोलो..... लेकिन किसी ने कब्र का दरवाजा नहीं खोला। इस तरह से मैं मर गई और अब मेरी आत्मा बदला लेने के लिए तड़प रही है। मैं तुम्हारे पति और राहुल दोनों को मार डालूंगी। इतना कहकर वहां से चली जाती है। लेकिन नंदिनी ने अपने पति से शादी की थी इसकी वजह से वह उसे बचाना चाहती थी जब सुरेश लौटकर आता है तो वह उससे सारी कहानी पूछती है सुरेश भी डर की वजह से सारी कहानी बता देता है और कहता है कि प्लीज मुझे बचा लो मुझसे यह सब अनजाने में हो गया था। नंदनी उस प्रोफेसर की सहायता से उस कब्र के पास जाती है। प्रोफेसर कहता है कि यदि हम इसके कंकाल को निकाल कर जला दें तो इससे कामिनी की आत्मा को मुक्ति मिल जाएगी। यह करना इतना आसान नहीं है उसकी आत्मा तुम्हारे पति को जरूर मार डालेगी।


उसी रात कामिनी की आत्मा उसके दोस्त राहुल के घर जाती है और राहुल को मार देती है। दूसरे दिन खबर मिलती है कि राहुल मर चुका है। इससे सुरेश और डर जाता है और प्रोफ़ेसर से विनती करता है कि आप किसी तरह से मेरे को बचा लो नहीं तो वह तो मुझे भी मार डालेगी। प्रोफेसर अपने अनुभव से उस कंकाल को बड़ी ही मुश्किल से बाहर निकाल पाते हैं क्योंकि वह आत्मा प्रोफेसर पर हमला कर देती है और सुरेश के पीछे पड़ जाती है। सुरेश को बहुत तड़पाती है। उसके शरीर में घुस जाती है। लेकिन कहते हैं ना पतिव्रता स्त्री के सामने हर बुराइयां, भूत प्रेत दूर भाग जाते हैं तो उसी तरह से सुरेश की पत्नी नंदिनी ने अपने पति को बचाने के लिए जी जान एक लगा दी और उस कंकाल को जलाने में सफल हो गई। कंकाल में आग लगते ही वह आत्मा हमेशा के लिए सुरेश को छोड़कर चली गई और इस तरह से नंदिनी ने अपने पति को उस आत्मा से बचा लिया।


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